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अब राशन की चिंता से मुक्त हो रहे हैं प्रवासी मज़दूर

– शैतान रेगर, राजस्थान प्रदेश ईंट भट्टा मजदूर यूनियन देश में रोज़गार प्रमुख समस्या बनी हुई है. इसका सबसे अधिक

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क्या लोकतंत्र का चुनावी उत्सव ज़मीनी स्तर पर बस मजाक बनकर रह गया है?

– रोहित चौहान, गुजरात छोटा उदयपुर (गुजरात), मूल रूप से जंगलों, पहाड़ों और नदियों वाला एक आदिवासी क्षेत्र है, यहाँ

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राजस्थान के ईंट भट्ठा मज़दूरों के मुश्किल हालात

पुखराज रावत, राजस्थान प्रदेश ईंट भट्टा मजदूर यूनियन राजस्थान में लगभग 4 हज़ार से अधिक चिमनी ईंट भट्ठे संचालित हैं

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एक हाथ के बिना भरत को कौन देगा काम? और कौन है इसका ज़िम्मेदार?

– भरत लक्ष्मण पटेला की कहानी, रोहित चौहान के शब्दों में: ये फोटो मेरी है। आप सोच रहे होंगे की

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अपने वतन से दूर मज़दूरों के मुद्दे चुनावी मुद्दे क्यों नहीं बनते?

– शैतान रेगर, राजस्थान प्रदेश ईंट भट्टा मजदूर यूनियन भारत में लोकतंत्र को 74 वर्ष पूरे हो चुके हैं व

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बंधुआ मजदूरी का जीवन जीने को मजबूर हैं ईंट भट्ठा मजदूर

– शैतान रेगर, राजस्थान प्रदेश ईंट भट्टा मजदूर यूनियन देश की आजादी को सात दशक बीत जाने के बाद भी

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