The Centre for Labour Research and Action (CLRA) is a grassroots organization committed to advancing the rights of migrant workers in India’s informal sector. Recognizing migration as a crucial survival strategy for the rural poor, CLRA addresses the systemic challenges these workers face, including low wages, unsafe conditions, and lack of legal and social protections. Through advocacy, research, and worker mobilization, CLRA strives to bring about meaningful change, ensuring that migrant workers and their families can live and work with dignity in both their source and destination locations.
Recent Updates
Voices from the Field
गुड़ की छाया: गन्ने के खेतों में बचपन
– रोहित चौहान, गुजरात फरवरी महीने में हमें पुणे के बारामती में गन्ना श्रमिकों के पड़ावों में जाने का मौका…
क्या लोकतंत्र का चुनावी उत्सव ज़मीनी स्तर पर बस मजाक बनकर रह गया है?
– रोहित चौहान, गुजरात छोटा उदयपुर (गुजरात), मूल रूप से जंगलों, पहाड़ों और नदियों वाला एक आदिवासी क्षेत्र है, यहाँ…
राजस्थान के ईंट भट्ठा मज़दूरों के मुश्किल हालात
पुखराज रावत, राजस्थान प्रदेश ईंट भट्टा मजदूर यूनियन राजस्थान में लगभग 4 हज़ार से अधिक चिमनी ईंट भट्ठे संचालित हैं…
एक हाथ के बिना भरत को कौन देगा काम? और कौन है इसका ज़िम्मेदार?
– भरत लक्ष्मण पटेला की कहानी, रोहित चौहान के शब्दों में: ये फोटो मेरी है। आप सोच रहे होंगे की…
अपने वतन से दूर मज़दूरों के मुद्दे चुनावी मुद्दे क्यों नहीं बनते?
– शैतान रेगर, राजस्थान प्रदेश ईंट भट्टा मजदूर यूनियन भारत में लोकतंत्र को 74 वर्ष पूरे हो चुके हैं व…
बंधुआ मजदूरी का जीवन जीने को मजबूर हैं ईंट भट्ठा मजदूर
– शैतान रेगर, राजस्थान प्रदेश ईंट भट्टा मजदूर यूनियन देश की आजादी को सात दशक बीत जाने के बाद भी…