CLRA का ब्लॉग

CLRA के ब्लॉग पेज पर आपका स्वागत है। यहाँ हम प्रवासी श्रमिकों के संघर्षों और आवाज़ों को केंद्रित करते हुए जमीनी कहानियाँ और नीतिगत विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं। हमारे ब्लॉग के माध्यम से प्रवासी मजदूरों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए हमारे प्रयासों के बारे में जानें।

Silent no more: women farm workers speak up for justice

– Rohit Chauhan, Gujarat Like many tribal families in Madhya Pradesh, Sima* and Kishan* migrat…

अब राशन की चिंता से मुक्त हो रहे हैं प्रवासी मज़दूर

– शैतान रेगर, राजस्थान प्रदेश ईंट भट्टा मजदूर यूनियन देश में रोज़गार प्रमुख समस्या बनी हुई है. इसका …

गुड़ की छाया: गन्ने के खेतों में बचपन

– रोहित चौहान, गुजरात फरवरी महीने में हमें पुणे के बारामती में गन्ना श्रमिकों के पड़ावों में ज…

क्या लोकतंत्र का चुनावी उत्सव ज़मीनी स्तर पर बस मजाक बनकर रह गया है?

– रोहित चौहान, गुजरात छोटा उदयपुर (गुजरात), मूल रूप से जंगलों, पहाड़ों और नदियों वाला एक आदिवा…

राजस्थान के ईंट भट्ठा मज़दूरों के मुश्किल हालात

पुखराज रावत, राजस्थान प्रदेश ईंट भट्टा मजदूर यूनियन राजस्थान में लगभग 4 हज़ार से अधिक चिमनी ईंट भट्ठ…

एक हाथ के बिना भरत को कौन देगा काम? और कौन है इसका ज़िम्मेदार?

– भरत लक्ष्मण पटेला की कहानी, रोहित चौहान के शब्दों में: ये फोटो मेरी है। आप सोच रहे होंगे की …

अपने वतन से दूर मज़दूरों के मुद्दे चुनावी मुद्दे क्यों नहीं बनते?

– शैतान रेगर, राजस्थान प्रदेश ईंट भट्टा मजदूर यूनियन भारत में लोकतंत्र को 74 वर्ष पूरे हो चुके…

बंधुआ मजदूरी का जीवन जीने को मजबूर हैं ईंट भट्ठा मजदूर

– शैतान रेगर, राजस्थान प्रदेश ईंट भट्टा मजदूर यूनियन देश की आजादी को सात दशक बीत जाने के बाद भी [&he…

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