परिचय
दृष्टिकोण
सीएलआरए (CLRA) एक ऐसे भविष्य को साकार करने के लिए समर्पित है जहां हर श्रमिक को पहचाना जाए, मूल्यवान माना जाए, और जहां वह गरिमा, समानता और न्याय के साथ जीवन जी सके। यह एक ऐसे भविष्य की ओर काम करता है जहां श्रमिक अधिकारों को सार्वभौमिक रूप से संरक्षित और लागू किया जाए, और जहां राजनीतिक इच्छाशक्ति और नीतिगत दृष्टिकोण सबसे वंचित और हाशिये पर रहने वाले श्रमिकों की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी हों। सीएलआरए एक ऐसे समाज की परिकल्पना करता है जहां सशक्त श्रमिक और समुदाय उत्पीड़क प्रणालियों को चुनौती देते हैं और उन्हें बदलते हैं, आर्थिक और सामाजिक न्याय के लिए प्रणालीगत बाधाओं को समाप्त करते हैं।
उद्देश्य
सीएलआरए (CLRA) भारत की विशाल असंगठित अर्थव्यवस्था में प्रवासी मजदूरों के अधिकारों और हक़ों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यह श्रमिक शक्ति का निर्माण करने के लिए क्षमताओं का विकास, सामुदायिक नेतृत्व का पोषण और श्रमिक संगठनों का समर्थन करने का प्रयास करता है। सीएलआरए प्रवासी मजदूरों को बंधुआ मजदूरी, मजदूरी भुगतान, हिंसा, और जाति एवं लिंग आधारित भेदभाव के मामलों में कानूनी सहायता प्रदान करता है और उन्हें आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं और सरकारी कार्यक्रमों से जोड़ता है। यह प्रवासी मजदूरों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों और उनके द्वारा सामना की जाने वाली प्रणालीगत चुनौतियों का अध्ययन और दस्तावेजीकरण करता है, अन्यायों पर प्रकाश डालता है और सबसे वंचित समुदायों की आवाज़ों को प्रमुखता देता है। इसके अनुसंधान और अभ्यास से प्राप्त अंतर्दृष्टियाँ नीतिगत पैरवी के प्रयासों और बड़े पैमाने पर परिवर्तन लाने के लिए साझेदारियों को दिशा देती हैं।